Science and Technology in UPSC

 

UPSC सिविल सेवा प्रीलिम्स 2025 के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण और गतिशील खंड है, जिसमें सामान्य विज्ञान, उभरती प्रौद्योगिकियां, और हाल के वैज्ञानिक विकास से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह खंड 10-15 प्रश्नों का होता है और ज्यादातोर करेंट अफेयर्स पर आधारित होता है। उपयोगकर्ता के अनुरोध के अनुसार, मैंने अतिरिक्त महत्वपूर्ण टॉपिक्स जोड़े हैं जो पूछे जा सकते हैं, और इन्हें इटैलिक और बोल्ड में हाइलाइट किया गया है, साथ ही उचित हेडिंग्स और मेजर हेडिंग्स के साथ प्रस्तुत किया गया है।

परिचय और पृष्ठभूमि

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में UPSC प्रीलिम्स के लिए विषयों का चयन हाल के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास, सरकारी पहल, और वैश्विक रुझानों पर आधारित है। 2024-2025 के दौरान, कई महत्वपूर्ण घटनाएं और नवाचार हुए हैं, जैसे इसरो के SpaDeX मिशन, नासा के SPHEREx मिशन, और AI में भारत की बढ़ती भागीदारी। इनका विश्लेषण करते हुए, मैंने अतिरिक्त विषयों की पहचान की है जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।

विस्तृत टॉपिक्स और वर्गीकरण

नीचे दिए गए टॉपिक्स को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, और प्रत्येक को उपयुक्त हेडिंग्स के साथ प्रस्तुत किया गया है।

1. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी भारत की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति को दर्शाती है, और इसरो के मिशन तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण हैं।

1.1 इसरो मिशन
  • SpaDeX मिशन: यह मिशन अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करता है, जिसमें स्वायत्त डॉकिंग, पावर ट्रांसफर, और डिफरेंशियल GNSS-आधारित पोजिशनिंग शामिल हैं। यह भविष्य के अंतरिक्ष अनुप्रयोगों जैसे रोबोटिक्स के लिए महत्वपूर्ण है।
  • गगनयान मिशन: भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, जो 2025 में लॉन्च होने की संभावना है, और यह भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाएगा।
1.2 अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन
  • नासा का SPHEREx मिशन: यह मिशन 450 मिलियन गैलेक्सी और 100 मिलियन सितारों को मैप करेगा, ब्रह्मांड की उत्पत्ति और कॉस्मिक इन्फ्लेशन का अध्ययन करेगा।
  • Artemis कार्यक्रम: नासा का यह कार्यक्रम चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति स्थापित करने का लक्ष्य रखता है, जिसमें भारत भी सहयोग कर रहा है।
2. सूचना प्रौद्योगिकी

सूचना प्रौद्योगिकी और उभरती प्रौद्योगिकियां आधुनिक समाज और अर्थव्यवस्था को आकार दे रही हैं, और इन पर प्रश्नों की संभावना अधिक है।

2.1 कृत्रिम बुद्धिमत्ता
  • IndiaAI मिशन: यह मिशन AI विकास और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया है, जिसमें स्टार्टअप्स और शोध को समर्थन देना शामिल है।
  • AI नैतिकता: AI में पूर्वाग्रह, गोपनीयता, और जवाबदेही जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, खासकर भारत जैसे विकासशील देशों में।
2.2 क्वांटम कम्प्यूटिंग
  • क्वांटम प्रौद्योगिकियां: क्वांटम कम्प्यूटिंग क्यूबिट्स का उपयोग करती है, जो क्लासिकल कम्प्यूटिंग की तुलना में जटिल समस्याओं को तेजी से हल कर सकती है। भारत ने 2024 में क्वांटम टेक्नोलॉजीज में यूजी माइनर लॉन्च किया है।
3. जैव प्रौद्योगिकी

जैव प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य, कृषि, और पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और हाल के नवाचारों पर ध्यान देना जरूरी है।

3.1 जीन संपादन
  • CRISPR-Cas9: यह जीन संपादन का एक उपकरण है, जिसका उपयोग DNA अनुक्रमों को संशोधित करने के लिए किया जाता है। यह स्वास्थ्य और कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है, लेकिन नैतिक चिंताएं भी हैं।
3.2 एंटीवायरल प्रौद्योगिकियां
  • RNA-आधारित एंटीवायरल एजेंट्स: जर्मनी के वैज्ञानिकों ने Cucumber Mosaic Virus के खिलाफ RNA साइलेंसिंग आधारित एजेंट विकसित किए हैं, जो पौधों में वायरल रोगों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
4. ऊर्जा और पर्यावरण

पर्यावरण और ऊर्जा प्रौद्योगिकी जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

4.1 नवीकरणीय ऊर्जा
  • हरित हाइड्रोजन: यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से उत्पादित होता है। यह जीवाश्म ईंधन को बदलने की क्षमता रखता है।
4.2 जलवायु प्रौद्योगिकियां
  • कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (CCS): यह तकनीक औद्योगिक स्रोतों से CO2 उत्सर्जन को पकड़ती है और इसे भूमिगत संग्रहित करती है, जिससे जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद मिलती है।
5. स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी

स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारियों की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

5.1 न्यूरोटेक्नोलॉजी
  • Neuralink का ब्रेन-चिप: यह तकनीक गंभीर भाषण विकार वाले व्यक्तियों के लिए संचार बहाल करने में मदद करती है। 2025 में, US FDA ने इसे ब्रेकथ्रू डिवाइस डिज़िग्नेशन दिया है।
5.2 डायग्नोस्टिक उपकरण
  • नाड़ी तरंगिनी: यह भारत का पहला आयुर्वेदिक डायग्नोस्टिक उपकरण है, जिसे CDSCO ने 2025 में मंजूरी दी है, और यह पल्स निदान के लिए उपयोग किया जाता है।
6. सामान्य विज्ञान

सामान्य विज्ञान में बुनियादी अवधारणाओं और हाल के वैज्ञानिक खोजों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

6.1 ब्रह्मांड विज्ञान
  • S8 तनाव: यह कॉस्मोलॉजिकल पैरामीटर ब्रह्मांड में पदार्थ की "क्लंपनेस" को मापता है, और हाल के शोध से पता चलता है कि यह ब्रह्मांड की संरचना को समझने में महत्वपूर्ण है।

तालिका: महत्वपूर्ण टॉपिक्स का वर्गीकरण

वर्गउदाहरण टॉपिक्सप्रासंगिकता
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकीSpaDeX मिशन, गगनयान मिशनभारत की अंतरिक्ष क्षमता
सूचना प्रौद्योगिकीIndiaAI मिशन, क्वांटम प्रौद्योगिकियांआधुनिक तकनीकी विकास
जैव प्रौद्योगिकीCRISPR-Cas9, RNA-आधारित एजेंट्सस्वास्थ्य और कृषि में नवाचार
ऊर्जा और पर्यावरणहरित हाइड्रोजन, CCSजलवायु परिवर्तन और सतत विकास
स्वास्थ्य और चिकित्साNeuralink ब्रेन-चिप, नाड़ी तरंगिनीसार्वजनिक स्वास्थ्य और नवाचार
सामान्य विज्ञानS8 तनावब्रह्मांड विज्ञान में नवीन शोध

तैयारी के लिए सुझाव

  • NCERT पुस्तकों का अध्ययन: कक्षा 6 से 12 तक की NCERT विज्ञान पुस्तकों को पढ़ें ताकि बुनियादी अवधारणाएं स्पष्ट हों।

  • करंट अफेयर्स: 'द हिंदू', 'इंडियन एक्सप्रेस', और Current Affairs for Science & Technology 2025 जैसे स्रोतों को नियमित रूप से पढ़ें। इसरो मिशन, AI नीति, हरित हाइड्रोजन जैसे टॉपिक्स पर विशेष ध्यान दें।
  • पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQs): 2013 से 2024 तक के प्रश्नों का विश्लेषण करें। यह आपको रुझानों और महत्वपूर्ण टॉपिक्स को समझने में मदद करेगा।
  • मॉक टेस्ट: समय प्रबंधन और प्रश्नों के पैटर्न को समझने के लिए नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें।
  • संशोधन (Revision): क्वांटम कम्प्यूटिंग, CRISPR, मेटावर्स जैसे उभरते टॉपिक्स का नियमित संशोधन करें।

निष्कर्ष

UPSC प्रीलिम्स 2025 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी खंड में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए करेंट अफेयर्स और बुनियादी अवधारणाओं का गहन अध्ययन आवश्यक है। उपरोक्त हाइलाइट किए गए टॉपिक्स जैसे SpaDeX मिशन, हरित हाइड्रोजन, CRISPR और संभावित प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करके आप इस खंड में आत्मविश्वास के साथ स्कोर कर सकते हैं। नियमित अभ्यास, समाचार पत्रों का अध्ययन, और मॉक टेस्ट आपकी सफलता की कुंजी हैं।